नारी पर होनेवाला अत्याचार समाज का एक कोढ़ है ।। Nari Atyachar Samaj Ka Kodha. - स्वामी जी महाराज.

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नारी पर होनेवाला अत्याचार समाज का एक कोढ़ है ।। Nari Atyachar Samaj Ka Kodha.

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जय श्रीमन्नारायण,
Dhananjay Maharaj.
मित्रों, संस्कृत का एक श्लोक है  - यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता - अर्थात, जहाँ नारी का सम्मान किया जाता है, वहाँ देवता निवास करते हैं । बचपन से यह सुनते आ रहे हैं, इसी पर विश्वास किया है ।।

धैर्य, बलिदान, ममता,वात्सल्य, त्याग, लज्जा, समर्पण, शील, माधुर्य, कोमलता और सौम्यता यही नारी के सुलभ गुण माने गये हैं, और हर आदर्श नारी को इन्हीं गुणों की कसौटी पर क़स कर परखा गया ।।

अक्सर यही देखा जाता है, कि हर नारी में इसी प्रकार गुण पाए गए हैं । फिर भी समाज इनका अनादर करता है, क्यों ? ऐसा नहीं होना चाहिए, और खासकर भारतीय समाज में तो बिलकुल नहीं ।।

मित्रों, इस प्रकार का दोष अगर किसी समाज में है, तो यह समाज का कोढ़ है, और इसे मिटाना हमारी जिम्मेवारी है । और इसे मिटाने का सरल उपाय सत्संग ही है, इसके अलावा और कोई उपाय हमें नजर नहीं आता ।।

क्योंकि कोई अन्य उपाय कहीं सार्थक नजर नहीं आ रहा है । चाहे कितने भी सख्त से सख्त कानून बनाये जा रहें हैं, फिर भी, नारी अत्याचार कम होने के बजाय, बढ़ते ही जा रहा है ।।

अत: सत्संग का जितना अधिक से अधिक आयोजन हो, और सत्संग कर्ता जितना अधिक से अधिक इस विषय पर बोलें, यही इस दुर्धर्ष संकट से निपटने का उपाय है ।।
Swami Dhananjay Maharaj.
।। नारायण सभी का नित्य कल्याण करें ।।

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।। नमों नारायण ।।

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