जय श्रीमन्नारायण,
मित्रों, एक बार ठाकुर जी और राधा रानी रास के बाद निधिवन से वापिस आ रहे थे । रास्ते में चलते हुये अचानक ठाकुर जी की नजर राधा रानी के चरणों पर पड़ी । राधा रानी के श्री चरणों में बृज रज लगी थी ।।
यमुना किनारे पंहुच कर ठाकुर जी ने राधा रानी से कहा - किशोरी जी आपके चरणों में बृज रज लगी है आप यमुना जल में अपने चरण धो लीजिए, तो राधा रानी ने साफ मना कर दिया ।।
बार बार ठाकुर जी चरण धोने को कहते और राधा रानी मना कर देती । जब ठाकुर जी ने इसका कारण पूछा तो राधा रानी ने बहुत सुंदर जवाब दिया कि जो एक बार मेरे चरणों से लग जाए मैं उसे कभी दूर नहीं करती ।।
मित्रों, ऐसी प्यारी हमारे राधे रानी के चरणों में क्या आप लगना नहीं चाहेंगे ? राधे कौन, परम प्यारे की आह्लादिनी शक्ति ही तो है ।।
।। इसी बात पर आप सभी प्रेम से बोलें ।।
।। श्री राधे ।। राधे राधे ।।
www.sansthanam.com
www.dhananjaymaharaj.com
www.sansthanam.blogspot.com
www.dhananjaymaharaj.blogspot.com
।। नमों नारायण ।।
मित्रों, एक बार ठाकुर जी और राधा रानी रास के बाद निधिवन से वापिस आ रहे थे । रास्ते में चलते हुये अचानक ठाकुर जी की नजर राधा रानी के चरणों पर पड़ी । राधा रानी के श्री चरणों में बृज रज लगी थी ।।
यमुना किनारे पंहुच कर ठाकुर जी ने राधा रानी से कहा - किशोरी जी आपके चरणों में बृज रज लगी है आप यमुना जल में अपने चरण धो लीजिए, तो राधा रानी ने साफ मना कर दिया ।।
बार बार ठाकुर जी चरण धोने को कहते और राधा रानी मना कर देती । जब ठाकुर जी ने इसका कारण पूछा तो राधा रानी ने बहुत सुंदर जवाब दिया कि जो एक बार मेरे चरणों से लग जाए मैं उसे कभी दूर नहीं करती ।।
मित्रों, ऐसी प्यारी हमारे राधे रानी के चरणों में क्या आप लगना नहीं चाहेंगे ? राधे कौन, परम प्यारे की आह्लादिनी शक्ति ही तो है ।।
।। इसी बात पर आप सभी प्रेम से बोलें ।।
।। श्री राधे ।। राधे राधे ।।
www.sansthanam.com
www.dhananjaymaharaj.com
www.sansthanam.blogspot.com
www.dhananjaymaharaj.blogspot.com
।। नमों नारायण ।।
No comments:
Post a Comment