विद्वान् बनते हैं ऐसे बच्चे ।। Bachchon Me Tejasvita Ka Vikas. - स्वामी जी महाराज.

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विद्वान् बनते हैं ऐसे बच्चे ।। Bachchon Me Tejasvita Ka Vikas.

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जय श्रीमन्नारायण,
swami dhananjay maharaj
मित्रों, सुबह हथेली देखने से बहुत से फायदे तथा जीवन में उन्नति होती है । इसमें कोई संसय नहीं की ये पूर्ण प्रमाणिक एवं शास्त्रसम्मत बात है तो चलिए सबसे पहले इस श्लोक को देखते है ।।

कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती ।।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ।।


मित्रों, प्रतिदिन सुबह जब भी (क्योंकि ब्रह्ममुहूर्त में जगो ऐसा तो कह नहीं सकते न?) आप जगें तो सबसे पहले दोनों हाथों की हथेलियों को कुछ क्षण देखकर चेहरे पर तीन चार बार फेरें । फिर बाद में अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करें ।।

उपरोक्त श्लोक के अनुसार हथेली के अग्र भाग में मां लक्ष्मी, मध्य भाग में मां सरस्वती तथा हथेली के मूल भाग (मणि बंध) में भगवान नारायण का निवास होता है ।।

swami dhananjay maharaj
इसका अभिप्राय यह है, कि कर्म के पथ पर जैसे ही हम अपना कदम बढाते हैं, लक्ष्मी की प्राप्ति होने लगती है । अर्थात अपने सुझबुझ एवं तत्परता से किये गए कर्म के द्वारा ही हम धन कमा सकते हैं ।।

कर्म के पथ पर जब हम और आगे बढ़ते हैं तो मध्य में सरस्वती अर्थात ज्ञान की प्राप्ति होती है । और उसी कर्म के करने में जब निष्कामता आ जाय तो मूल में गोविन्द अर्थात भगवत्प्राप्ति भी हो जाती है ।।

इसलिए प्रतिदिन सुबह उठते ही अपनी हथेली देखने चाहिये जिससे व्यक्ति का भाग्य चमक उठता है । परन्तु हम आज ये कर पाते हैं क्या इस विषय में हमें ही सोंचना और विचार करना पड़ेगा ।।

आज तो कुछ लोगों को मैं देखता हूँ, कि सुबह जागने के बाद भी चदरिया के अन्दर ही पड़े-पड़े झाँकते रहते हैं, भले ही बारह क्यों न बज जाय । फिर आवाज आएगी उठो ! चाय ठंढ़ी हो जाएगी ।।
Swami Dhananjay Maharaj.
तब श्रीमान् जी अपने मुखारविन्द को चदरिया में से बाहर निकालते हैं, और फिर शुरू होती है चाय की चुस्कियाँ - और
साथ ही  "प्रभाते करदर्शनम्" के जगह "प्रभाते कप दर्शनम्" करते हैं । अब इस कप दर्शन से कहाँ नारायण मिलनेवाले हैं भाई ?।।

मित्रों, अपने बच्चों को ऐसा करने हेतु आप प्रेरित करें और इन आचरणों का परिणाम देखें । शीघ्र ही आपके बच्चे की मेधाविता बढ़ जाएगी । माता-पिता एवं बड़े-बुजुर्गों का सम्मान तथा गुरुजनों की बात मानना उनका सम्मान करना ये ऐसा आदत है जो बच्चों की तीसरे चक्षु को खोल देती है ।।
Swami Dhananjay Maharaj.

 ।। नारायण सभी का नित्य कल्याण करें ।। 

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।। नमों नारायण ।।

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